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मार्च 2025 कमर्शियल व्हीकल सेल्स: टाटा मोटर्स की गिरावट, अशोक लेलैंड और आयशर की बढ़त

By Abhishth Ramani

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कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री हमेशा आकर्षित करती है, क्योंकि हर महीने इसमें नए ट्रेंड और बदलाव देखने को मिलते हैं। मार्च 2025 भी कुछ ऐसा ही रहा, जहां कुछ कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन किया, तो कुछ को बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ा। मार्च 2025 के कमर्शियल व्हीकल सेल्स के ताजा आंकड़े और उनकी गहराई से समीक्षा प्रस्तुत की जा रही है।

मार्च 2025 में प्रमुख कंपनियों की बिक्री (संख्या में)

कंपनीमार्च 2024 बिक्रीमार्च 2025 बिक्रीवृद्धि/गिरावट
टाटा मोटर्स42,26241,122-3%
अशोक लेलैंड22,69824,060+6%
आयशर मोटर्स5,6896,122+7.6%

टाटा मोटर्स की बिक्री में गिरावट

कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स का नाम हमेशा आगे रहता है, लेकिन मार्च 2025 कंपनी के लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहा। टाटा मोटर्स की कुल बिक्री में 3% की गिरावट दर्ज की गई, जहां मार्च 2025 में 41,122 यूनिट्स की बिक्री हुई, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह आंकड़ा 42,262 यूनिट्स था। खासकर छोटे वाणिज्यिक वाहनों (SCV) और पिकअप ट्रकों की बिक्री में 17% की भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे साफ है कि छोटे कारोबारियों और डिलीवरी सेगमेंट में मांग घटी है। हालांकि, भारी वाणिज्यिक वाहनों (HCV) की बिक्री में 1% की हल्की बढ़त रही, जो संकेत देता है कि बड़े ट्रांसपोर्ट व्यवसायों में स्थिरता बनी हुई है।

Q4 FY25 में टाटा मोटर्स का प्रदर्शन

टाटा मोटर्स के लिए पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही भी उतनी उत्साहजनक नहीं रही। इस दौरान कंपनी की कुल बिक्री 5% घटी और यह आंकड़ा 2,52,642 यूनिट्स तक सीमित रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2,65,090 यूनिट्स बेचे गए थे। हालांकि, इंटरमीडिएट और लाइट कमर्शियल व्हीकल (ILMCV) की बिक्री में 6% की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मध्यम श्रेणी के ट्रकों की मांग अब भी बनी हुई है। यह आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि टाटा मोटर्स के विभिन्न सेगमेंट में असमान प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, जहां कुछ वाहनों की बिक्री बेहतर हुई है, तो कुछ सेगमेंट को संघर्ष करना पड़ रहा है।

अशोक लेलैंड की मजबूत पकड़

अशोक लेलैंड ने मार्च 2025 में एक अच्छा प्रदर्शन किया। इस महीने में कंपनी ने 24,060 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जो 6% की वृद्धि को दर्शाता है। खास बात यह है कि जहां कुछ कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई, वहीं अशोक लेलैंड ने अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी। हालांकि, पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कंपनी की कुल बिक्री स्थिर रही, लेकिन मार्च महीने में हुए इस सुधार ने दिखाया कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपनी के वाहनों की मांग बरकरार है। अशोक लेलैंड की यह वृद्धि दिखाती है कि कंपनी का ब्रांड मूल्य और ग्राहकों का भरोसा इस समय मजबूत स्थिति में है।

Commercial Vehicle Sales Tata Motors vs Ashok Leyland
Commercial Vehicle Sales Tata Motors vs Ashok Leyland

आयशर मोटर्स का शानदार प्रदर्शन

आयशर मोटर्स ने मार्च 2025 में जबरदस्त बिक्री वृद्धि हासिल की। इस दौरान कंपनी की कुल बिक्री में 7.6% की बढ़ोतरी हुई, जिसमें घरेलू बिक्री में 6.3% और निर्यात बिक्री में 44.3% की शानदार बढ़त देखने को मिली। निर्यात बिक्री में इतनी बड़ी छलांग से यह साफ संकेत मिलता है कि आयशर मोटर्स के ट्रक और कमर्शियल व्हीकल्स केवल भारतीय बाजार में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इस कंपनी की निरंतर ग्रोथ इसे आने वाले वर्षों में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी। जिस तरह से आयशर मोटर्स ने अपनी रणनीतियों को कारगर बनाया है, वह भविष्य में भी इसे फायदा पहुंचा सकता है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल प्रदर्शन

कंपनीQ4 FY24 बिक्रीQ4 FY25 बिक्रीवृद्धि/गिरावट
टाटा मोटर्स2,65,0902,52,642-5%
अशोक लेलैंड88,42187,900स्थिर
आयशर मोटर्स21,45323,100+7.6%

कमर्शियल व्हीकल मार्केट का भविष्य

कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री में मार्च 2025 का महीना बदलावों से भरा रहा। टाटा मोटर्स को कुछ झटके लगे, अशोक लेलैंड ने स्थिरता दिखाई, और आयशर मोटर्स ने जबरदस्त वृद्धि दर्ज की। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में लगातार नई नीतियां और सरकारी पहलें आ रही हैं, जो इस क्षेत्र को प्रभावित कर सकती हैं। नई तकनीकों और इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों की ओर बढ़ता रुझान भी इस उद्योग में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। आने वाले महीनों में कंपनियां अपने रणनीतिक फैसले बदल सकती हैं, जिससे उनकी बिक्री पर सीधा असर पड़ेगा।

निष्कर्ष

मार्च 2025 में भारतीय कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री में मिले-जुले परिणाम देखने को मिले। टाटा मोटर्स को गिरावट का सामना करना पड़ा, जबकि अशोक लेलैंड ने स्थिरता बनाए रखी और आयशर मोटर्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह स्पष्ट है कि बाजार में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है और कंपनियों को अपनी रणनीतियों को और अधिक मजबूत करने की जरूरत होगी। आने वाले समय में यदि सरकार नई परिवहन नीतियों को लागू करती है, तो इसका सीधा असर इस सेक्टर की बिक्री और विकास पर पड़ेगा। ऑटोमोबाइल और कमर्शियल व्हीकल अपडेट्स में रुचि रखने वालों के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यह सेक्टर किस दिशा में आगे बढ़ता है।

नमस्ते दोस्तों मेरा नाम अभिष्ठ रामानी है ओर मे पिछले 4 सालों से कार की न्यूज ओर अपडेट प्रवाइड करता आ रहा हु अपनी अनेक साइट्स की मदद से अब मे अपनी इस नई साइट Time of Cars की मदद से आपको ताज़ा जानकारी प्रवाइड करने की कोशिश कर रहा हु।

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